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निठल्ले की डायरी

कथासारनिठल्ला वह नहीं होता जो कोई काम नहीं करता बल्कि वह होता है जो अपने फ़ायदे के लिए काम नहीं करता। जो निःस्वार्थ दूसरों का भला करने का प्रण ले, ज़माने का चलन यह है कि ज़माना अब उसको निठल्ला मानता है. यहां भी एक निठल्ला है जो दूसरों का निःस्वार्थ भला करने का प्राण

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मारे गए गुलफाम उर्फ तीसरी कसम

मारे गए गुलफ़ाम उर्फ़ तीसरी क़सम नाट्य दल के बारे मेंदस्तक की स्थापना सन 2 दिसम्बर 2002 को पटना में हुई। तब से अब तक मेरे सपने वापस करो (कहानीकार – संजय कुंदन), गुजरात (गुजरात दंगे पर विभिन्न कवियों की कविताओं पर आधारित नाटक), करप्शन जिंदाबाद, हाय सपना रे (मेगुअल द सर्वानते के विश्वप्रसिद्ध उपन्यास

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उँचाई

UNCHAYI A play Seagull theatre Original story EROSTRATUS by Jean Paul Sartre Dramatization and direction Baharul Islam Language: Hindi Duration of the play 1 hour 10 minutes About the PlayUNCHAYI (Erostratus)A story about a misanthropic man who resolves to follow the path of Herostratus and make history by means of an evil deed—in this case,

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